एक आधुनिक काव्यसुधा सरस
श्रव्य पुस्तक अर्थात औडियोबुक [audiobook] रूपी कविता संग्रह
पुस्तिका परिचय
इस लघु पुस्तिका रूपी अनुपम कविता संग्रह में हमारे दैनिक जीवन से जुड़े हुए भौतिक और आध्यात्मिक पहलुओं को सुन्दर, स्मरणीय, और कर्णप्रिय कविताओं के रूप में छुआ गया है। ये कवितायेँ बहुआयामी हैं। प्रत्येक कविता अनेक प्रकार के विषयों को एकसाथ छूती है। कविता हमारे अवचेतन मन तक आसानी से पहुँच बना लेती हैं। इसीलिए कहा जाता है कि “जहां न पहुंचे रवि, वहां पहुंचे कवि”। बहुत सी पुस्तकों को पढ़ने से भी जो बात मन-स्वभाव में न बैठे, वह मात्र एक कविता के पठन-चिंतन से आसानी से बैठ सकती है। इस पुस्तिका की सभी कविताएँ स्मरण करने योग्य हैं। इन्हें गाया भी जा सकता है। हरेक कविता भाव व अनुभव से भरी हुई है। इन कविताओं को सजावट के तौर पर भी विभिन्न स्थानों पर लगाया जा सकता है। पॉकेट बुक के रूप में इन्हें हमेशा अपने साथ भी रखा जा सकता है, ताकि इनकी चेतनामयी शक्ति किसी तंत्रमंडल की तरह हर समय लाभ प्रदान करती रहे। बहुत न लिखते हुए इसी आशा के साथ विराम लगाता हूँ कि प्रस्तुत कविता-संग्रह कविता-प्रेमी पाठकों की आकांक्षाओं पर खरा उतरेगा।
कवि परिचय
कवि विनोद शर्मा एक हरफनमौला व्यक्ति हैं, और साथ में एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी भी हैं। इन्होंने इस पुस्तिका के लेखक को कविता से सम्बंधित बहुत सी तकनीकी जानकारियां प्रदान की हैं। ये हिमाचल प्रदेश के सोलन जिला में अध्यापन के क्षेत्र से जुड़े हैं। सोलन पहाड़ों का प्रवेष-द्वार भी कहलाता है। यह हिमालयी उतुंग शिखरों को आधुनिक रूप से विकसित मैदानी भूभागों से जोड़ता है। विनोद भाई कला, संगीत व साहित्य के क्षेत्रों में बहुत रुचि रखते हैं। रंग-बिरंगी कविताएँ तो इनके दिल की आवाज की तरह हैं, जो बरबस ही इनके मुख से निस्सृत होती रहती हैं। ये सोलन जिला के एक छोटे से हिमशिखराँचलशायी गाँव से सम्बन्ध रखते हैं। इनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि ही अध्यापन के क्षेत्र से जुड़ी हुई है। इनकी कविताएँ वास्तविकता का परिचय करवाते हुए अनायास ही दिल को छूने वाली होती हैं। आशा है कि ये भविष्य में भी अपने देहजगत के अमृतकुंड से झरने वाले कवितामृत से अंधी भौतिकता के जहर से अल्पप्राण मरूभूमि को सिंचित करते रहेंगे।
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