सोलन की सर्वहित साधना~ निःशुल्क पीडीएफ ई-पुस्तक
पुस्तक परिचय
यह पुस्तक ब्राम्हणत्व से सम्बंधित है। साथ में इसमें हिमाचल प्रदेश के सोलन जनपद के इतिहास, भूगोल और वर्तमान स्वरूप का वर्णन भी किया गया है। लेखक स्वयं इसी क्षेत्र के निवासी हैं। इसमें लेखक ने अपने बचपन से लेकर लिखे गए नोट डाले हुए हैं। अध्यात्म के बारे में मुख्य कुंजी-शब्द इसमें मिल जाएंगे, जो किसी भी जिज्ञासु के लिए अच्छे प्रेरक सिद्ध हो सकते हैं। पुस्तक मनोरंजक है। इस पुस्तक में पहाड़ी संस्कृति की विशेष झलक है। पहाड़ों का भोला-भाला व सादा जीवन बरबस ही मन को आकर्षित कर देता है। पहाड़ों की वादियों के बीच घटी ऐतिहासिक सत्यकथाओं का अपना ही विशेष महत्त्व है। पहाड़ी जीवन कभी भी उबाऊ नहीं होता। पहाड़ों के प्राकृतिक नजारों के आगे बड़ी से बड़ी कृत्रिमता भी फीकी पड़ जाती है। आशा है कि पाठकगण प्रस्तुत पुस्तक का भरपूर आनंद उठाएंगे। लेखक ने शास्त्री की उपाधि प्राप्त की है, तथा भारतीय दर्शन में आचार्य की है। योग दर्शन के ऊपर इन्होंने पी.एच.डी. की है। इन्होंने संस्कृत महाविद्यालय सोलन में 20 वर्षों से अधिक समय तक लगातार अध्यापन कार्य किया है। लेखक ने अपनी सभी पुस्तकें अपनी मुख्याचार्य के पद से सेवानिवृत्ति के करीब व उसके बाद लिखी हैं। इसीलिए लेखक के पूरे जीवन के उन्नत अनुभव उनकी पुस्तकों में स्पष्ट रूप से झलकते हैं।
लेखक परिचय
लेखक ने शास्त्री की उपाधि प्राप्त की है, तथा भारतीय दर्शन में आचार्य की है। योग दर्शन के ऊपर इन्होंने पी.एच.डी. की है। इन्होंने संस्कृत महाविद्यालय सोलन में 20 वर्षों से अधिक समय तक लगातार अध्यापन कार्य किया है। लेखक ने अपनी सभी पुस्तकें अपनी मुख्याचार्य के पद से सेवानिवृत्ति के करीब व उसके बाद लिखी हैं। इसीलिए लेखक के पूरे जीवन के उन्नत अनुभव उनकी पुस्तकों में स्पष्ट रूप से झलकते हैं।
कीवर्ड्स
ब्राम्हणत्व और आध्यात्म
हिमाचल प्रदेश सोलन इतिहास
पहाड़ी संस्कृति और जीवन
भूगोल सोलन जनपद
अध्यात्म प्रेरक पुस्तक
श्रीकृष्णाज्ञाभिवंदनम् पीडीएफ
सोलन क्षेत्र के अनुभव
योग दर्शन पीएचडी
संस्कृत महाविद्यालय सोलन
लेखक का जीवन परिचय
पहाड़ी जीवन शैली, देवभूमि हिमाचल, पर्वतीय जनजीवन, हिमाचल की लोकपरम्परा, बघाट जनपद, पैप्सू रियासत, हिमाचल के प्राचीन रजवाड़े